पेट की बीमारियां और उनके घरेलू उपाय,
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मानव शरीर का अंगों से मिलकर बना होता है जिसमें रंग का अपना अलग-अलग कार्य होता है जो की शरीर को स्वस्थ बनाए रखते हैं और संतुलन बनाए रखते हैं और मानव शरीर के सभी अंग एक – दूसरे के पूरक होते है क्योंकि एक भी अंग के गड़बड़ हो जाने या बीमारी की चपट में आ जाने से पूरी बॉडी या शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है जो कई बीमारियों को न्योता देते हैं।
शरीर में पेट एक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके गड़बड़ जाने से शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है , वो एक कहावत है ना की मन चंगा तो हर काम चंगा इस प्रकार स्वस्थ में एक कहावत है पेट चंगा तो हर अंग चंगा । इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
पेट का मुख्य कार्य मानव द्वारा ग्रहण किया भोजन को पचना और उसे भोजन में से आवश्यक तत्वों को अलग करके अन्य अंगों तक पहुंचाना और शक्ति प्रदान करना शक्ति प्रदान करना इसका मतलब हम यह कह सकते हैं कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को बढ़ता है।
-: पेट की आकृति या सरचना :-
पेट की संरचना मुख्य रूप से चौकोर आकृति का होता है जिसमें कई प्रकार के अलग-अलग भाग है पेट मुख्य रूप से भोजन के प्रवेश मार्ग से लेकर बाहर निकालने के मार्ग तक संपूर्ण भाग को पेट की संख्या दी गई है या मेडिकल की भाषा में बोले तो मुंह से लेकर गुड्डा तक के भाग को पेट की संख्या दी गई है।
यह कई आंतो से मिलकर बना होता है और इसमें मुख्य रूप से छोटी आंत और बड़ी आंत मुख्य अंग है। और इसमें अब में से तथा लीवर भी शामिल रहते हैं।
-: पेट के कार्य की प्रक्रिया :-
पेट मुख्य रूप से भोजन को बचाने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह भोजन के साथ ग्रहण किए हुए मूलभूत तत्व में से अनावश्यक या हानिकारक तत्वों को अलग करके मल में बदलकर बाहर कर देता है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखना है।
सबसे पहले मुंह से भोजन ग्रहण किया जाता है फिर बाद में भोजन आहार नाल से होता हुआ छोटी आंत पर पहुंचते हैं जहां उसमें अमल की मात्रा को मिलाया जाता है जिससे भोजन का पाचन होता है फिर बचा हुआ भोजन आगे बड़ी आंत में जाता है जहां शेष चीजों को जैसे पानी वगैरह आदि को बचाया जाता है फिर बड़े हाथ में पूर्ण रूप से भोजन पचाने के बाद उसे मल में बदलकर आगे भेज दिया जाता है फिर उसे मल के रूप में शरीर से त्याग दिया जाता है और मल के रूप में त्याग हुआ पदार्थ अनावश्यक होता है जो कि भोजन पचाने के बाद पीछे रह जाता है।
:- पेट के मुख्य रोग :-
✴️पेट में दर्द रहना
✴️पेट का फुल रहना
✴️पेट में जलन
✴️गैस की समस्या
✴️एसिडिटी
✴️कब्ज
✴️लूज मोशन
✴️उल्टी पेट में दर्द रहना
✴️पेट कठोर हो जाना
✴️पेट में नसों का अपने जगह छोड़ देना
✴️छोटी और बड़ी आंत द्वारा कार्य सही समय पर नहीं करना
✴️आमाशय के खराब होना
✴️लीवर का खराब होना
-: पेट के रोग के मुख्य कारण :-
✴️समय पर भोजन नहीं करना
✴️आवश्यकता से कम वजन खाना
✴️वसायुक्त भोजन का अधिक सेवन
✴️लंबे समय तक खाना नहीं खाने से
✴️उचित मात्रा में पानी नहीं पीने से
✴️गलत भोजन खाने से
✴️भोजन में फाइबर की कमी से
✴️खाली पेट गलत भोजन खाने से
✴️ज्यादा भोजन करके बैठ जाने से
✴️हद से ज्यादा भोजन करने से
-: पेट के रोग के बचाव :-
1. पानी का सेवन :- पेट की बीमारियों का मुख्य बचाव उचित पानी की मात्रा का सेवन करना होता है और इस आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति सही मात्रा में पानी को ग्रहण नहीं करता है जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी होने की करण शरीर में कई बीमारियों के जन्म होता है जिसमें सबसे बड़ी बीमारी पेट में होती है इसलिए पानी की उचित मात्रा का सेवन करना व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होता है और एक आम व्यक्ति के लिए दिन 3- 4 लीटर या अधिकतम 5- 6 लीटर तक का पानी ग्रहण करना लाभदायक रहता।
2. सही भोजन का चयन :- पेट की बीमारियों को बचाने के लिए व्यक्ति को हमेशा अच्छे भोजन का ही सेवन करना चाहिए क्योंकि कई बार गलत भोजन के सेवन से पेट की कार्य सेल बिगड़ जाती है जिससे वह भोजन को अच्छी तरह से बच्चा नहीं पता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और पाचन शक्ति काम हो जाती है इसलिए भोजन का चयन बहुत जरूरी है बाहर का तला हुआ भजन काम काम ले और वसा युक्त भोजन की मात्रा को कम रखें और फल फ्रूट ताजी सब्जियां का से वन करें।
3. पैदल चाल :- व्यक्ति को भोजन करने के बाद कम से कम आधा घंटा चलना चाहिए जिससे भोजन आसानी से बच सके और आदमी सोच रहे खाना खाने के बाद बैठ जाने से शरीर की पाचन क्षमता कम हो जाती है।
4. डॉक्टर से सम्पर्क :- अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से पेट में समस्या है और घरेलू उसके काम नहीं आ रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें क्योंकि लंबे समय तक पेट की समस्या के कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है और साल में दो-तीन बार व्यक्ति को पूरी बॉडी को चेक करना चाहिए ।
Human body is made up of the parts in which there is a different task of color which maintains the body healthy and maintains balance and all the organ of the human body is supplemented by one another because the whole body or body is full of a fucked or disease. Balance gets worse, which invites many diseases. The stomach in the body is an important because the balance of the body gets worse due to its mess, it is a saying that every work is healed in a healthy way. Therefore it is very important to take care of it. The main task of the stomach to refrain from the human beings and to separate the necessary elements from the food, and to give power to other organs, it means that it can say that this disease increases the level of resistance.
-: The structure of the stomach :-
The structure of the stomach is mainly a square shape, in which there is a different part of the stomach mainly from the entrance path of the food to the whole part, the number of stomach has been given or said in the language of medical to Gudda. The number of stomach has been given to the part. It is made up of many intestinal and it is mainly small intestine and large intestine. And from now and there are levers.
-: Process of stomach :-
The stomach mainly plays an important role in protecting food and increasing the level of disease resistance and separating the unnecessary or harmful elements separately from the fundamental element to the food and turn it into the body and make the body healthy Keep.
First of all, food is taken from the mouth, then after the food, the amount of execution is mixed with the food, where the amount of execution is made, which is digestion of food, then the remaining food goes to the very intestine, where the remaining things like water etc. are saved. After digesting food in the big hand, it is changed forward by changing it into the stool and then it is sacrificed from the body as stool and the substance of the stool is unnecessary, which remains behind after digesting food.h
: – The main disease of the stomach: –
✴️Staying pain in the
✴️ The problem of burning in the format of the juggis in the
✴️एसिडिटी.
✴️Knowing the pain in the stomach.
✴️Do not work on the right time of the nervousnes.
✴️Do not eat food on the right time. –
✴️Do not eat food on time.
✴️Eat more than food,
✴️Do not eat water in the food,
✴️Eating the food in the food,
✴️By eating the food,
✴️The lack of fiber in the food.
✴️Eating the wrong meal.
✴️By eating more food.
-: Defend the disease of stomach:
1. Water intake: – The main rescue of stomach diseases is to consume the amount of proper water and in this nowadays, the person does not accept water in the right amount of water due to which many in the body. Diseases are born in which the biggest illness is in the stomach, it is very important for the person to consume the proper amount of water and it is beneficial for a common man to take water for 3-4 liters or maximum 5- 6 liters.
2. Selection of the right food: – To save the belly diseases, the person should always consume good food because many times the work of the stomach is worsened by the incorrect food, so that the food does not know the child well, due to the effectiveness of body disease and digestive power. The selection is very important to take out the fried hymn work and keep the amount of fat containing fat and do the forest from fruit fruit fresh vegetables.
3. Walking: – After eating the person, at least half an hour should be able to avoid food and sitting after eating the man thinking after eating the man, the body’s digestion decreases.
4. Contact from the doctor: – If a person has a problem in the stomach for a long time, then please contact the doctor because the person can also get the life of the person due to the problem of stomach and the person should check the whole body for a long time.